Vishwamangalya Sabha

about us VMS

विश्वमांगल्य सभा

हम विश्वमांगल्य सभा में इस बात पर दृढ विश्वास रखते हैं कि प्रत्येक महिला मातृत्व की आत्मा को धारण करती है, जो एक प्रतिरक्षी और धार्मिक समाज की नींव के जैसा कार्य करती है।

हम एक ऐसा संगठन हैं जो महिलाओं की क्षमता जागृत करने के लिए समर्पित हैं, जहा उम्र की कोई विशेष सीमा नहीं, और सक्षम भारत के ध्येय की पूर्ती में महिलाओं के क्षमता का उपयोग करता है।

विश्वमांगल्य सभा की स्थापना २०१० में सांस्कृतिक (शिक्षा), सामर्थ्य (शक्ति), सदाचार (गुण), और सेवा (सेवा) के मौलिक सिद्धांतों के मार्गदर्शन में हुई , जो एक वैश्विक स्तर पर कार्य करने वाली संस्था है।  हम मानते हैं कि माताएँ केवल एक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि परिवारों, समुदायों, तथा पूरे राष्ट्र की मूल आधार स्तम्भ हैं।

हमारा उद्देश्य इस महान कार्य में सहायता करना है , जिससे हम मिलकर माताओं को सशक्त बनाने और अपने भविष्य की पीढ़ियों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाये , जिससे एक उज्जवल और सुनहरे कल का निर्माण हो। हमारे इस कार्य में हमारे साथ जुडे जिससे समाज में बदलाव करने की क्षमता है और जो मातृत्व की असली क्षमता को प्रज्वलित करता हो ! 

2020

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इतिहास

  • माघ शुक्ल ४ शके १९३१,तिलकुंद चतुर्थी दि. १९ जनवरी सन २०१० को परम पूज्य आचार्य स्वामी श्री जीतेन्द्रनाथ जी महाराज ने विश्वमांगल्य सभा की स्थापना की थी।
  • एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड द्वारा विश्वमांगल्य सभा को श्री शिव महिमा स्तोत्र का पाठ करने के लिए सम्मानित किया गया था !
  • इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा विश्वमांगल्य सभा को २५ हजार से अधिक महिलाओं का तीन दिनो तक संगठन करणे  के लिए  सम्मानित किया गया।

संस्थापक

परम पूज्य आचार्य स्वामी श्री जीतेन्द्रनाथ जी महाराज ६०० वर्ष से अधिक की जिसकी विरासत है उस  श्री दत्त पीठ परंपरा की आत्मा को दर्शाते हैं। १८वें पीठाधीश्वर के रूप में, उनके दृष्टिगत नेतृत्व ने विश्वमांगल्य सभा की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो सभी माताओं/बहनो के लिए प्रेरणास्रोत की ज्योति है।

स्वामीजी के मार्गदर्शन में, जीवन-कालिक (जीवनभर के लिए स्वयंसेवक) की एक समर्पित टीम और हजारों प्रेरित अनुयायी इस महान और पवित्र कार्य के लिए अथक काम कर रहे हैं।

स्वामीजी का संघटन कौशल्य,  उनकी राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रीय अखंडता की शिक्षा को निखारते हैं, जो उन सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं जो भारत को विश्वगुरु बनाने के इस कार्य में सहयोग कर रहे हैं।

नेतृत्व​

नेतृत्व जो परंपरा का संवर्धन करे और महिलाओं को प्रेरित करे

दूरदृष्टी और उद्दिष्ट

दूरदृष्टी

हर भारतीय महिला को मातृत्व की क्षमताओं से जागरूक और सशक्त बनाना तथा संस्कृति, नैतिकता, और गरिमा की जड़ों पर आधारित एक धार्मिक समाज का निर्माण करना, जिससे भारत को अपनी सही स्थिति में विश्वगुरु बनाया जा सके।

उद्दिष्ट

  • प्रत्येक महिला को माँ के रूप में उनकी भूमिका को स्वीकार करने में मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान करना, तथा उन्हें शक्ति, नैतिक मूल्यों, और सेवा के स्तंभ बनाने के लिए प्रयास करना।
  • प्रत्येक महिला में मातृत्व के प्रती समर्पित कर्तव्य और शक्ति का भाव उत्पन्न करना, तथा मूल्यों और चरित्र  को अगली पीढ़ी तक पहुचाना।

सदाचार सभा की कार्यप्रणाली

  • विश्वमांगल्य सभा की विचारधारा का प्रतिबिंब तथा महत्वपूर्ण कार्य प्रणाली है।
  • हम हमारी कार्य प्रणाली के आधार पर भारत के हर कोने तक पहुँच रहे हैं।
  • सदाचार सभा एक प्रमुख रूप से उपासना, अध्यात्मिक, और सामाजिक रूप से महिलाओं का पोषण करने के लिए खड़ी है।
  • हम विश्वमांगल्य सभा के सदस्यों के साथ मिलकर महिलाओं को सशक्त करने के लिए विभिन्न कार्यशालाओं और सामाजिक पहलों के माध्यम से प्रयासरत हैं।
womens group